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07th November 2022 Shift 02 CPCT Previous Year Question Paper 

 CPCT Exam Reading Comprehension Free Online Test 

07th November 2022 Shift 02 Previous Year Question Paper 

दिए गए  गद्यांश को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

मदर टेरेसा 

मदर टेरेसा का जन्म अल्बानिया में अग्नेसे गोंकगों शे बोजशियु के रूप में हुआ था। 1929 में योगिन (नन) बनने पर उन्होंनेन्हों 'टेरेसा' नाम अपनाया। अठारह वर्ष की आयु में वे भारत आ गयीं और कोलकाता के लोरेटो कॉन्वेंट में पढ़ाना शुरू किया।

1946 में, जब वे ट्रेन से दार्जिलिंग की यात्रा कर रही थी, सिस्टर टेरेसा ने महसूस किया कि जैसे स्वयं ईश्वर उन्हें कॉन्वेन्ट छोड़ने और निर्धनतम व्यक्तियों की सेवा करने के लिए पुकार रहे हों।हों उन्होंनेन्हों लोरेटो नन की पोशाक पहनना बंद कर, नीले बॉर्डर वाली एक साधारण सफेद सूती साड़ी पहनना शुरू कर दिया। यह साड़ी कोलकाता नगरपालिका की महिला सफाई कर्मियों के कपड़ों जैसी दिखती थी। अब तक सिस्टर टेरेसा भारतीय नागरिक बन गईं थी और जल्द ही मिशनरी ऑफ चैरिटी के आदेश से मदर टेरेसा बन गईं।

एक दिन मदर टेरेसा ने एक महिला को अस्पताल के पास एक सड़क पर मरने की हालत में पाया। उसका आधा चेहरा चूहों और चींटिचीं यों द्वारा खाया जा चुका था। मदर टेरेसा उसे अस्पताल में भर्ती नहीं कर सकीं।कीं इसने उन्हें 1952 में निर्मल हृदय - गरीबों और परित्यक्तों के लिए एक आश्रम (होम/घर) बनाने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंनेन्हों गरीबों और कुष्ठ रोगियों के लिए कई अन्य आश्रम शुरू किए। वह एड्स से पीड़ित लोगों के लिए आश्रम चलाने वाले पहले व्यक्तियों में से एक थीं।थीं आज, मिशनरी ऑफ चैरिटी 105 देशों में लोगों की सेवा करता है। 

उन्हें नोबेल पुरस्कार, भारत रत्न सम्मान, ब्रिटिश ऑर्डर ऑफ़ मेरिट, द मेडल ऑफ फ्रीडम (अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान), और कई अन्य श्रेष्ठतम पुरस्कार मिले।

मदर टेरेसा ने कहा कि उन्होंनेन्हों सभी में प्रभु को देखा और धर्मों के आधार पर कोई भेद नहीं किया। 
उनका देहांत 5 सितंबर 1997 को हुआ। पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ उनका राजकीय अंतिम संस्कार किया गया।

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